लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्व Ch. 4

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लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्व

लोकतांत्रिक सरकार में लोगों की भागीदारी, समस्याओं का समाधान, समानता एवं न्याय के विचार आदि शामिल होते हैं। ये सभी लोकतांत्रिक व्यवस्था को सफल बनाते हैं। अगर लोकतांत्रिक व्यवस्था न हो तो एक समय के बाद सरकार का शासन निरंकुश बन सकता है। निम्नलिखित वर्णन के आधार पर हम लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्वों को जानेंगे :-

रंगभेद

रंगभेद का मतलब है त्वचा के रंग के आधार पर भेदभाव करना। इस तरह का भेदभाव दक्षिण अफ्रीका में मुख्य रूप से देखा जाता था।

  1. दक्षिण अफ्रीका के कानून के मुताबिक श्वेत-अश्वेत भारतीय एवं अन्य प्रजातियों को एक दूसरे से संबंध बनाने की इजाजत नहीं थी।
  2. विभिन्न प्रजातियों के लोग न तो एक-दूसरे के साथ रह सकते थे और न ही आम सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते थे
  3. यहाँ तक कि श्वेत और अश्वेत लोगों के अस्पताल भी अलग होते थे और अस्पताल की गाड़ियां भी।
  4. अश्वेत लोगों के लिए रेल और बसें भी अलग होती थी। श्वेत और अश्वेत लोगों के बस स्टैंड भी अलग होते थे।
  5. अश्वेत लोगों को वोट देने तक की इजाजत नहीं थी।
  6. देश की सबसे अच्छी जमीन पर श्वेत लोगों का अधिकार था जबकि अश्वेत को सबसे घटिया जमीन दी जाती थी।

 अतः इससे हमें पता चलता है कि अश्वेत लोगों एवं भारतीयों को  बराबर नहीं माना जाता था और उनके साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार किया जाता था।

  • दक्षिण अफ्रीका में श्वेत लोगों के द्वारा वहां के अश्वेत लोगों के साथ क्रूर व्यवहार किया जाता था। उन्हें उनकी भाषा ‘जूलू’ सीखने तक का अधिकार नहीं था। श्वेत लोग अफ्रीकन भाषा बोलते थे तो इसलिए अश्वेत लोगों को भी जबरदस्ती अफ्रीकन भाषा बोलने पर मजबूर किया जाता था।
  • अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस के जाने-माने नेता नेल्सन मंडेला ने रंगभेद के खिलाफ बहुत लंबे समय तक संघर्ष किया। अंततः 1994 में उन्हें सफलता मिली और दक्षिण अफ्रीका एक लोकतांत्रिक देश बना। तब से सभी प्रजातियों के लोगों का बराबर का अधिकार माना जाता है।

भागीदारी

सरकार का लोकतांत्रिक होने का हमारे लिए क्या मतलब है, आइए समझने की कोशिश करते हैं:-

  1. लोकतंत्र में लोग निर्णय लेते हैं। चुनाव मे वोट देकर अपने प्रतिनिधि चुनते हैं, ये प्रतिनिधि लोगों की तरफ से निर्णय लेते हैं।
  2. सभी सरकार को एक निश्चित समय के लिए चुना जाता है।
  3. भारत में किसी भी सरकार की अवधि 5 वर्ष की होती है।
  4. सरकार का फिर से सत्ता में बने रहना तभी संभव है जब लोग उसे बार-बार चुने।
  5. नियमित चुनाव होने से भी लोगों का सरकार पर नियंत्रण बना रहता हैं।
भागीदारी के अन्य तरीके
  • लोगों के द्वारा सरकार के कार्यों में रुचि लेकरऔर उसकी आलोचना करके।
  • लोगों के द्वारा धरने, जुलूस, हड़ताल, हस्ताक्षर अभियान इत्यादि करके भी सरकार का विरोध किया जाता है और इसके जरिए जो बात गलत है और जो न्याय संगत नहीं है उसे सामने लाया जाता है।
  • अखबार, पत्रिका एवं टेलीविजन भी जनता से जुड़े मुद्दों पर सरकार की जिम्मेदारियों पर चर्चा करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। 
  • अगर देश के लोग सजग हैं और इस बारे में रुचि लेते हैं कि देश कैसे चलाया जाता है तो उस देश की सरकार का लोकतांत्रिक स्वरूप और भी मजबूत होता है।

उपरोक्त कामों को देखते हुए हम यह पता कर सकते हैं कि हमारे सरकार कैसे कम कर रही है।

विवादों का समाधान

कोई भी विवाद तब उभरता है जब विभिन्न संस्कृतियों, धर्म, क्षेत्र और आर्थिक पृष्ठभूमियों के लोग एक दूसरे के साथ तालमेल नहीं बना पाते। ऐसा अक्सर तब भी होता है जब लोगों को लगता है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है इस तरह लोग अपने विवादों को खत्म करने के लिए हिंसा का तरीका भी अपनाते हैं जिससे असुरक्षा की भावना फैलती है और सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह इन विवादों का समाधान करें:-

1.धार्मिक जुलूस और उत्सव भी विवाद का कारण बनते हैं। कई बार हिंसा भड़कने का खतरा रहता है। कभी-कभी जुलूस के लोग उत्तेजित हो जाते हैं। कभी-कभी लोग जुलूस पर पत्थर फेंक कर जुलूस को रोकने की कोशिश कर सकते हैं। अतः इसलिए सरकार की मुख्य जिम्मेदारी होती है कि जब भी कोई जुलूस निकले ऐसे मौके पर ये सुनिश्चित करने की कोशिश करें कि कोई भी संगठन आपस में टकराव की स्थिति न पैदा करें जिससे अशांति फैले और कानून व्यवस्था बिगड़े।

2.नदियों के बीच विवाद:- कई बार नदियां भी विवाद का कारण बनती हैं। जिन राज्यों में से नदी गुजरती है उन राज्यों के बीच में पानी के बंटवारे को लेकर विवाद बना रहता है। उदाहरण के लिए:- कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी नदी के पानी को लेकर विवाद तो आपने सुना ही होगा।

  • कर्नाटक के कृष्णा सागर बांध में भरा हुआ पानी सिंचाई के काम में आता है।
  • इस पानी से बेंगलुरु शहर की जरूरत भी पूरी होती है।
  • तमिलनाडु के मेटूर बांध में भरे हुए इसी नदी के पानी से राज्य के डेल्टा क्षेत्र में सिंचाई होती है।
  • दोनों बांध एक ही नदी पर बने हुए हैं। कर्नाटक का कृष्णा सागर बांध कावेरी नदी के ऊपरी छोर पर हैं और तमिलनाडु का मेटूर बांध नदी के निचले छोर पर।
  • मेटूर बांध में पानी तभी भरा जा सकता है जब कृष्णा सागर बांध में पानी छोड़ा जाए। दोनों राज्यों को अपने लोगों की जरूरत को पूरा करने के लिए भरपूर पानी चाहिए जोकि इनको मिल नहीं पाता । इससे विवाद उत्पन्न होता है। तब राष्ट्रीय सरकार को इसकी और कदम उठाना पड़ता है।

सरकार

  • सरकार भी समानता और न्याय की जरूरत को पहचानती हैं और वह उन समूह के लिए विशेष प्रावधान करती है। सरकार उन समूहों के लिए विशेष प्रावधान करते हेैं जो समाज में अभी बराबर नहीं माने जाते हैं। जैसे कि हमारे समाज में ऐसी प्रवृत्ति है कि लोग लड़के की देखभाल लड़की से ज्यादा करते हैं।
  • डॉ भीमराव अंबेडकर के प्रयासों से ही छुआछूत जैसी कुप्रथा को अब कानून द्वारा रोक लगा दी गई है। लंबे समय तक दलित लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य व यातायात के सुविधाओं से वंचित रखा गया। उन्हें पानी पीने तक का अधिकार नहीं था। बाबासाहेब के प्रयासों से आज उन्हें बराबरी का अधिकार प्राप्त है।

निष्कर्ष:-

उपरोक्त वर्णन के आधार पर कहा जा सकता है कि सरकार में लोगों की भागीदारी, समानता एवं न्याय के विचार, किसी भी धर्म को मानने की स्वतंत्रता, आपसी भाईचारा को केवल लोकतांत्रिक सरकार के द्वारा ही सुनिश्चित किया जा सकता है।  

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हमने लोकतांत्रिक सरकार के मुख्य तत्व Ch. 4 के बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान की है, उम्मीद करते हैं कि आपको अवश्य ही पसंद आया होगा।

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