ncert history class 6

ncert history class 6 के chapter-7 को यहां से पढें।

नगर प्रशासन

 जैसाकि आप सब जानते हैं कि गांव के मुकाबले शहर ज्यादा बड़ा और अधिक फैला हुआ होता है। शहर की गलियां ज्यादा चौड़ी होती है। यहाँ के बाजारों में ज्यादा भीड़-भाड़ होती है। शहर विभिन्न वार्डों में बंटा हुआ होता है। हर वार्ड में एक पार्षद का चुनाव होता है। नगर-निगम के चुने हुए सदस्यों को पार्षद कहते हैं। यही पार्षदों के समूह उन मुद्दों पर काम करते हैं जो शहर को प्रभावित करते हैं।

नगर निगम

नगर निगम शहर को सुचारू रूप से चलाने की एक समिति है जिसके कार्य निम्नलिखित है :-

  1. नगर निगम का काम शहरों में सड़कों पर रौशनी की व्यवस्था करना, कूड़ा करकट को इकट्ठा करवाना, पानी की सुविधा उपलब्ध कराने, सड़कों और बाजारों के साफ सफाई का काम करती है।
  2. नगर निगम यह भी सुनिश्चित करती है कि शहर में किसी प्रकार की बीमारी ना फैले। इसके लिए सुव्यवस्थित सफाई की व्यवस्था करती है।
  3. यह स्कूल स्थापित करते हैं, उन्हें चलाती है।
  4. शहर में दवा-खाने व अस्पताल चलाती है।
  5. यह बाग-बगीचों का रखरखाव भी करती हैं।

ये सभी कार्य शहर में नगर निगम के द्वारा किए जाते हैं।

निगम पार्षद एवं प्रशासनिक कर्मचारी

शहर को अलग अलग वार्डों में बांटा जाता है और हर वार्ड में एक पार्षद का चुनाव होता है।

  1. ज्यादातर निगम पार्षद ये निर्णय लेते हैं कि अस्पताल या पार्क कहाँ बनेगा।
  2. पार्षद मिलकर समितियां बनाते हैं। जो विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करके निर्णय लेती है जैसे कि बस स्टैंड को बेहतर बनाना , शहर में नियमित रूप से साफ-सफाई  करना, सड़कों पर रौशनी आदि की व्यवस्था करना।
  3. इन सभी मुद्दों को लागू करने का काम कमिश्नर और प्रशासनिक कर्मचारी करते हैं। इनकी नियुक्ति सरकार के द्वारा की जाती है।
  4. पार्षद को चुनाव द्वारा निर्वाचित किया जाता है।
  5. सभी वार्डों के पार्षद मिलकर सम्मिलित रुप से एक बजट बनाते है। इस बजट के अनुसार पैसे का खर्च किया जाता है।
  6. पार्षद यह प्रयास भी करते हैं कि उनके वार्ड की विशिष्ट जरूरत परिषद के सामने रखी जा सके।

नगर-निगम को पैसा कहाँ से मिलता है

नगर-निगम नगर में सभी तरह के कार्यों को करने के लिए निम्नलिखित तरीकों से पैसे को इकट्ठा करते हैं:

  1. लोगों से टैक्स इकट्ठा करती है। यह वह राशि है जो लोग सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के लिए सरकार को देते हैं।
  2. जिन लोगों के अपने घर होते हैं उन्हें संपत्ति कर भी देना होता है। साथ ही पानी एवं अन्य सुविधाओं के लिए भी कर देना होता है। जितना ज्यादा बड़ा घर उतना ज्यादा कर।
  3. निगम के पास जितना पैसा आता है उसमें संपत्ति कर से केवल 25-30 प्रतिशत पैसा ही आता है।
  4. शिक्षा पर  भी  कर लगाया जाता है।
  5. बाजार में दुकान या होटल के मालिको को भी कर देना पड़ता है।
  6. मनोरंजन के लिए कर।

 Some Important Points:-

  • पंचायत के चुने हुए सदस्यों को पंच कहते हैं।
  • शहर विभिन्न वार्डों में बंटा हुआ होता है।
  • नगर निगम के चुने हुए सदस्यों को पार्षद कहते हैं।
  • पार्षदों के समूह उन मुद्दों पर काम करते हैं जो शहर को प्रभावित करते हैं।
  • पंचायत और नगरपालिका के चुनाव प्रत्येक पांच वर्ष में होते हैं।
  • पार्षद अगर निर्णय लेते हैं तो उपायुक्त के नेतृत्व में दफ्तर के प्रशासनिक-कर्मचारी उन निर्णयों को लागू करते हैं।

निष्कर्ष

 उपयुक्त वर्णन के आधार पर हम कह सकते हैं कि नगर प्रशासन चलाने में नगर-पालिका, नगर-निगम, नगर-परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। ये सभी संस्थाएँ मिलकर शहर को स्वच्छ, सुंदर और उसकी हर एक जरूरत को पूरा करने का काम करती है।

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