science ncert class 6

science ncert class 6 chapter 1 notes के लिए यहां से पढें।

अध्याय– 1

भोजन यह कहाँ से आता है

 

 

विभिन्न खाद्य पदार्थ

 अपने भोजन में हम अनेक प्रकार की चीजें खाते हैं । जैसे अगर हम चावल खाना चाहते हैं, तो इसके लिए पहले हम कच्चा चावल लेते हैं, उसे पानी में उबालते हैं। इसे तैयार करने में हमें दो पदार्थों या संघटकों की आवश्यकता होती है।

 दूसरी ओर, कुछ भोजन तैयार करने में हमें कई संघटकों की आवश्यकता होती है। जैसे यदि हम सब्जी बनाना चाहते हैं, तो हमें अलग अलग कई प्रकार की कच्ची सब्जियों, नमक, मसाला, तेल आदि की आवश्यकता होती है।

खाद्य सामग्री एवं उनके स्रोत

अब हम खाद्य सामग्री एवं उनके स्रोत के बारे में पढ़ेंगे, जिनमें से कुछ खाद्य सामग्री के स्रोत पौधे होंगे और कुछ खाद्य पदार्थों की स्रोत जंतु होंगे ।

  1. पौधों से प्राप्त होने वाली खाद्य सामग्री– कच्ची सामग्री जैसे फल, सब्जी, गेंहू, चावल अनाज आदि हमें पौधों से प्राप्त होते हैं ।
  2. जंतुओं से प्राप्त होने वाले खाद्य सामग्री– कुछ अन्य खाद्य पदार्थ जैसे दूध,अंडा, मुर्गी, मछली, झींगा, मांस आदि हमें जंतुओं से प्राप्त होते हैं ।

गाय, बकरी तथा भैस दूध देने वाले कुछ सामान्य पशु है। इन पशुओं से प्राप्त दुग्ध से विभिन्न दुग्ध उत्पाद जैसे कि मक्खन, क्रीम, घी, पनीर और दही बनाए जाते हैं जिसका उपयोग संसार के प्रत्येक क्षेत्र में किया जाता है ।

भोजन के रूप में पौधे के भाग और जंतु-उत्पाद

पौधे हमारे भोजन का एक मुख्य स्रोत हैं। हम पौधे का उपयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थ के रूप में करते हैं। हम पत्तियों वाली अनेक सब्जियाँ खाते हैं। कुछ पौधे के फलों को भोजन के रूप में खाते हैं। कभी हम जड़, कभी तना तो कभी पुष्प भी भोजन के रूप में खाते हैं।

कुछ पौधों के दो या दो से अधिक भाग खाने योग्य होते हैं। उदाहरण के लिए सरसों के बीज से हमें तेल प्राप्त होता है एवं इसकी पत्तियों का उपयोग साग बनाने के लिए किया जाता है।

क्रियाकलाप

मूँग अथवा चने के कुछ सूखे बीज लीजिए। अब इनमें से कुछ बीजों को जल से भरे एक पात्र में डाल दें तथा एक दिन के लिए छोड़ दीजिए। अगले दिन जल को पूरी तरह निकाल दें और बीजों को गिलास में रहने दें। उन्हें एक गीले कपड़े में लपेटकर एक ओर रख दीजिए। अब आप बीजों में कुछ परिवर्तन देखते हैं। अगर एक छोटी-सी सफ़ेद संरचना बीज से बाहर निकल आती है, तो बीज अंकुरित हो गए हैं। यदि नहीं, तो बीजों को पानी में धोएँ, पानी निकाल दें और गीले कपड़े से ढककर अगले दिन के लिए उन्हें छोड़ दें। उस दिन आपको बीजों से बाहर निकलता हुआ एक छोटा-सा अंकुर दिखाई देगा।

अंकुरों को सावधानी से धोकर आप इन्हें खा सकते हैं। ये उबाले भी जा सकते हैं। इनमें कुछ मसाले मिलाने पर खाने के लिए एक स्वादिष्ट अल्पाहार तैयार हो जाता है।

क्या आप जानते हैं कि शहद कहाँ से आता है या यह कैसे उत्पादित होता है? क्या आपने एक मधुमक्खी का छत्ता देखा है, जहाँ बहुत-सी मधुमक्खियाँ भिनभिनाया करती हैं? मधुमक्खियाँ फूलों से मकरंद (मीठे रस) एकत्रित करती हैं और इसे अपने छत्ते में भंडारित करती हैं। फूल और उनका मकरंद, वर्ष के केवल कुछ समय में ही उपलब्ध होते हैं। अतः मधुमक्खियाँ इस मकरंद का भंडारण कर लेती हैं ताकि पूरे वर्ष इसका उपयोग किया जा सके। हम ऐसे छत्तों में मधुमक्खियों द्वारा भंडारित भोजन का शहद के रूप में उपयोग करते हैं।

जंतु क्या खाते हैं?

अगर आपके घर में कोई ऐसा पालतू पशु है, जिसकी आप देखभाल करते हो जैसे – कुत्ता, बिल्ली, भैंस या बकरी आदि। फिर आपको इसकी जानकारी भी अवश्य होगी कि आपका पालतू जानवर क्या खाता है। हम जंतुओं को तीन भागों में विभाजित करते हैं ।

  1. शाकाहारी जंतु– जो केवल पौधे और पादप उत्पादन देते हैं, उन्हें शाकाहारी जंतु कहा जाता है।
  2. मांसाहारी जंतु – कुछ जंतु ऐसे होते हैं जो दूसरे प्राणियों को खाते हैं, इन प्राणियों को मांसाहारी जंतु कहते हैं।
  3. सर्वाहारी जंतु – कुछ जंतु ऐसे भी होते हैं, जो पौधे और दूसरे प्राणियों अथार्त जंतु दोनों को ही खाते हैं, सर्वाहारी जंतु कहलाते हैं ।
सारांश
  • भारत के विभिन्न प्रदेशों में खाये जाने वाले भोजन में बहुत अधिक विविधता है ।
  • हमारे भोजन के मुख्य स्रोत पौधे तथा जंतु है ।
  • जो जंतु केवल पौधे खाते हैं, उन्हें शाकाहारी कहते हैं ।
  • जो जंतु केवल जंतुओं को खाते हैं, उन्हें मांसाहारी कहते हैं ।
  • जो जंतु पादप तथा दूसरे प्राणी दोनों को ही खाते है, उन्हें सर्वाहारी कहते हैं ।

 

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